निर्माणाधीन परियोजनाएं

ओबरा 'सी' विस्तार टीपीएस (2x660 मेगावाट)

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा ईपीसी आधार पर सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी के साथ ओबरा 'सी' विस्तार थर्मल पावर स्टेशन 2x660 मेगावाट की स्थापना कराई जा रही है। ईपीसी अनुबंध मेसर्स दूसान पावर सिस्टम्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 22 दिसंबर, 2016 को दिया गया है।

परियोजना के कार्य समाप्त होने की कुल समयावधि 52 माह है (जिस दिन से अनुबंध दिया गया है) एवं अप्रैल 2021 तक प्रदेश के उपभोगक्ताओं हेतु विद्युत् उत्पादन शुरु किया जाना अपेक्षित है। ताप विद्युत् गृह को कोयला आपूर्ति सहारपुर जमरपानी कोल् ब्लॉक से किया जायेगा जिसे यूपीआरवीयूएनएल द्वारा विकसित किया जाएगा।

यह परियोजना सोनभद्र जिले में चोपन रेलवे स्टेशन से लगभग 13 किमी पर स्थित है, वाराणसी-शक्तिनगर रोड से लगभग 8 किमी दूर तथा वाराणसी से लगभग 125 किमी दूर है। वाराणसी हवाई/रेल एवं रोड मार्ग से देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

जवाहरपुर टीपीएस (2x660 मेगावाट)

जवाहरपुर विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के द्वारा जवाहरपुर तापीय विद्युत परियोजना (2x660 मेगावाट) की स्थापना की जा रही है । यह उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड का 100% सबसीडरी है। जवाहरपुर विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा ईपीसी आधार पर सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी के साथ जवाहरपुर ताप विद्युत् गृह 2x660 मेगावट की स्थापना कार्य किया जा रहा है । ईपीसी अनुबंध मेसर्स दूसान पावर सिस्टम्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिनांक 22 दिसंबर, 2016 को दिया गया।

इकाई स0 01 के कार्य समाप्त होने की कुल समयावधि 48 माह है (जिस दिन से अनुबंध दिया गया है) एवं दिसंबर 2020 तक विद्युत उत्पादन उपभोगक्ताओं के इस्तेमाल हेतु शुरु किया जाना अपेक्षित है। साथ ही साथ इकाई स0 02 के कार्य समाप्त होने की कुल समयावधि 52 माह है एवं अप्रैल 2021 तक विद्युत उत्पादन उपभोगक्ताओं के इस्तेमाल हेतु शुरु किया जाना अपेक्षित है।

परियोजना हेतु आवश्यक जल की आपूर्ति लोअर गंगा कैनाल द्वारा किया जायेगा।

तापीय विद्युत परियोजना को कोयला आपूर्ति सहारपुर जमरपानी कोल् ब्लॉक से किया जायेगा जिसे यूपीआरवीयूएनएल द्वारा विकसित किया जाएगा। ।

यह परियोजना मलावन ग्राम, जिला एटा (दिल्ली कानपुर राजमार्ग एनएच-91) एवं एटा से लगभग 18 किमी की दुरी पर स्थित है।

पनकी विस्तार टीपीएस (1x660 मेगावाट)

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा ईपीसी आधार पर सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी के साथ पनकी विस्तार तापीय विद्युत परियोजना 1x660 मेगावाट को स्थापित किया जा रहा है । ईपीसी अनुबंध मेसर्स भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड को दिनांक 31 मार्च, 2018 को दिया गया है। परियोजना के कार्य के समाप्त होने की कुल अवधि 46 माह है (जिस दिन से अनुबंद दिया गया है) एवं जनवरी 2022 तक प्रदेश के उपभोगक्ताओं हेतु विद्युत् उत्पादन शुरु किया जाना अपेक्षित है। तापीय विद्युत परियोजना को कोयला आपूर्ति सहारपुर जमरपानी कोयला ब्लॉक से किया जायेगा जिसे यूपीआरवीयूएनएल द्वारा विकसित किया जाएगा।

यह परियोजना जिला कानपुर में कानपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 15 किमी दूर कालपी रोड पर स्थित है। कानपुर, हवाई/रेल एवं रोड मार्ग से देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

घाटमपुर टीपीएस (3x660 मेगावाट)

घाटमपुर टीपीएस (3x660 मेगावाट) की स्थापना नेयवेली उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड (एनयूपीपीएल) द्वारा किया जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड एवं एनएलसी इंडिया का संयुक्त उद्यम है। यूपीआरवीयूएनएल का इक्विटी शेयर 49% है एवं स्थापित क्षमता में यूपीआरवीयूएनएल का क्षमता शेयर 64.39% (1275 मेगावाटहै।

ईपीसी अनुबंध मेसर्स एल एण्ड टी एमएचपीएस ब्वॉयलर्स प्राइवेट लिमिटेड एवं मेसर्स अल्स्टॉम भारत फोर्ज पावर लिमिटेड को दिनांक  02 अगस्त, 2016 को मिला था। परियोजना हेतु ब्वॉयलर पैकेज की आपूर्ति मेसर्स एल एण्ड टी एमएचपीएस ब्वॉयलर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है एवं टर्बाइन-जनरेटर पैकेज की आपूर्ति मेसर्स अल्स्टॉम भारत फोर्ज पावर लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।

यह परियोजना घाटमपुर, जिला कानपुर, उत्तर प्रदेश में स्थित है।

सहारपुर जमरपानी कोयला ब्लॉक

कोयला मंत्रालय, भारत सरकार ने वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को सहारपुर जमरपानी कोल् ब्लॉक का आवंटन किया था, जिससे आगामी नई परियोजनाओं हेतु यूपीआरवीयूएनएल की कोयला आवश्यक्ताओं को पूरा किया जा सके। यह झारखंड के दुमका जिला में स्थित है।

यूपीआरवीयूएनएल की आगामी परियोजनाएं अर्थात हरदुआगंज विस्तार-II (1x660 मेगावाट), ओबरा 'सी' (2x660 मेगावाट), जवाहरपुर (2x660 मेगावाट) एवं पनकी विस्तार (1x660 मेगावाट) को कोयला आपूर्ति सहारपुर जमरपानी कोयला ब्लॉक द्वारा करी जाएगी।

कोल् ब्लॉक के विकास हेतु मेसर्स पीएफसीसी लिमिटेड का चयन किया गया है।